Site icon raajshekhar.com

कौन है “हरियाणा का तूफान” जिनके नाम है अनोखे रिकॉर्ड

हरियाणा का तूफान

भारत के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक हैं। उन्होंने फास्ट-मीडियम बॉलिंग और मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाजी में अपनी छाप छोड़ी। उनका करियर 1978 से 1994 तक चला, जिसमें उन्होंने 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेले ,कपिल देव, जिन्हें “हरियाणा का तूफान” भी कहा जाता है, ।

Records

कपिल देव के कुछ अनोखे रिकॉर्ड हैं, जैसे:

  • टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट और 5248 रन, जो उन्हें एकमात्र ऐसे खिलाड़ी बनाता है जिन्होंने यह डबल पूरा किया।
  • 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 175* रन, जो लंबे समय तक नंबर 6 पर सबसे अधिक स्कोर का रिकॉर्ड रहा।
  • कप्तान के रूप में एक पारी में 9 विकेट लेना, जो 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हुआ और आज तक नहीं टूटा।

एक अप्रत्याशित तथ्य यह है कि उन्होंने 1979 में एक कैलेंडर वर्ष में 619 रन और 74 विकेट लिए, जो उस समय का एक शानदार प्रदर्शन था और आज भी कायम है।

कपिल देव, जिन्हें क्रिकेट की दुनिया में “हरियाणा का तूफान” के नाम से जाना जाता है, भारत के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में से एक हैं। उनका जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था, और उनके पिता राम लाल निखंज एक टीक व्यापारी थे। कपिल देव ने अपनी स्कूलिंग सेंट स्टीफन्स स्कूल, चंडीगढ़ से की और ग्रेजुएशन दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज, चंडीगढ़ से पूरी की। उनका क्रिकेट करियर 1975 में हरियाणा के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट से शुरू हुआ और 1978 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ हुआ।

क्रिप्टो और साइबर फ्रॉड का खतरनाक कनेक्शन!

 

क्रिकेट कैरियर और उपलब्धियां

कपिल देव का अंतरराष्ट्रीय करियर 1978 से 1994 तक चला, जिसमें उन्होंने 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए और 5248 रन बनाए। वनडे में, उन्होंने 225 मैचों में 253 विकेट लिए और 3783 रन बनाए। उनकी फास्ट-मीडियम बॉलिंग और आक्रामक मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाजी ने उन्हें एक असाधारण ऑल-राउंडर बनाया।

1983 का विश्व कप उनका सबसे बड़ा करिश्मा था, जब उन्होंने 24 साल की उम्र में भारत को पहला विश्व कप जिताया। यह रिकॉर्ड आज भी सबसे कम उम्र के कप्तान के रूप में कायम है। इस टूर्नामेंट में, उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 175* रन बनाए, जो उस समय नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे अधिक स्कोर था और 2023 तक यह रिकॉर्ड कायम रहा, जब ग्लेन मैक्सवेल ने इसे तोड़ा।

अनोखे रिकॉर्ड

कपिल देव के कई रिकॉर्ड ऐसे हैं जो आज भी अटूट हैं या क्रिकेट के इतिहास में विशेष स्थान रखते हैं। नीचे दी गई तालिका में उनके कुछ प्रमुख रिकॉर्ड दिए गए हैं:

रिकॉर्ड का विवरण विवरण
टेस्ट में 400+ विकेट और 5000+ रन 434 विकेट, 5248 रन, एकमात्र खिलाड़ी
विश्व कप 1983 में सबसे कम उम्र के कप्तान 24 साल की उम्र में जीत, आज भी कायम
वनडे में 200 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी 1994 में रिटायर होने तक यह रिकॉर्ड उनके नाम
नंबर 5 या नीचे बल्लेबाजी में उच्चतम स्कोर 175* रन, 1983 विश्व कप, जिम्बाब्वे के खिलाफ, 2023 तक कायम
कप्तान के रूप में एक पारी में सबसे अधिक विकेट 9 विकेट, 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ, 40 साल बाद भी अटूट
1979-80 सीरीज में सबसे अधिक रन और विकेट 278 रन, 32 विकेट, भारत में नंबर 1
1979 में एक कैलेंडर वर्ष में रन और विकेट 619 रन, 74 विकेट, आज भी कायम
सर रिचर्ड हैडली का टेस्ट विकेट रिकॉर्ड तोड़ा 1994 की शुरुआत में, विश्व रिकॉर्ड तोड़ा
27 साल 2 दिन की उम्र में 300 विकेट लेने वाले सबसे कम उम्र के यह रिकॉर्ड आज भी विशेष माना जाता है

इनके अलावा, 1979 में उन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में 619 रन और 74 विकेट लिए, जो उस समय का एक शानदार प्रदर्शन था और आज भी कायम है। यह अप्रत्याशित है कि इतने साल बाद भी यह रिकॉर्ड नहीं टूटा।

पुरस्कार और सम्मान

कपिल देव को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले। 1982 में उन्हें पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2002 में, उन्हें विस्डन द्वारा इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी चुना गया। 2010 में, उन्हें आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया, और 2013 में, उन्हें बीसीसीआई द्वारा सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

व्यक्तिगत जीवन और रिटायरमेंट

कपिल देव ने 1994 में रिटायरमेंट लिया, तब तक वह भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे मैच खेल चुके थे। उनके रिटायरमेंट के समय, वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे, हालांकि बाद में यह रिकॉर्ड कोर्टनी वाल्श ने तोड़ा। उनकी फिटनेस और अनुशासन के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है, और वह कभी भी फिटनेस के कारण किसी टेस्ट मैच से बाहर नहीं हुए।

कपिल देव के रिकॉर्ड और उनके योगदान ने न केवल भारत बल्कि विश्व क्रिकेट में एक नई क्रांति लाई, खासकर तेज गेंदबाजी में। उनके करनामे आज भी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और वह हमेशा याद किए जाएंगे।

Exit mobile version