व्रत और उपासना भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और वट सावित्री व्रत इनमें से एक है। यह व्रत महिलाएँ अपने पतिव्रता धर्म की धारणा करती हैं और अपने पतियों की लम्बी आयु और सुख-शांति की प्राप्ति की कामना करती हैं। इस व्रत के दौरान खानपान का ख़ास ध्यान रखना जरूरी है, ताकि यह व्रत सही तरीके से मनाया जा सके। इस लेख में, हम जानेंगे कि वट सावित्री व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत भारतीय साहित्यिक महाकाव्य “महाभारत” के एक अहम घटक, सावित्री कथा, के साथ जुड़ा हुआ है। यह व्रत सावित्री माता की उत्कृष्ट भक्ति का प्रतीक है और महिलाएँ इसे पतिव्रता धर्म की पालना के रूप में मानती हैं। इस व्रत को सविता सावित्री व्रत भी कहा जाता है और यह हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है।
व्रत का पालन
- उपवास का पालन: वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएँ निर्जला व्रत का पालन करती हैं, जिसमें वे बिना पानी और भोजन के रहती हैं। यह व्रत सावित्री माता के पतिव्रता धर्म को पालन करने का प्रतीक है।
- पूजा और अर्चना: इस दिन, महिलाएँ सूर्य और सावित्री माता की पूजा और अर्चना करती हैं। वे वट वृक्ष की पूजा भी करती हैं, जिसका महत्वपूर्ण भाग है।
- व्रत को खोलना: व्रत के दिन अपने पति के साथ व्रत को खोला जाता है। इसके बाद, महिलाएँ भोजन कर सकती हैं, लेकिन इसमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
वट सावित्री व्रत में क्या खाना चाहिए
वट सावित्री व्रत में खानपान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए, ताकि यह व्रत ठीक से मनाया जा सके।
सांज का भोजन
- फल: सावित्री व्रत के दिन फल का सेवन करना फायदेमंद है। आप केला, सेब, और अंगूर का सेवन कर सकती हैं।
- दूध: दूध का सेवन करना भी उपयुक्त होता है। यह व्रत के दौरान शारीरिक ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
- दाल: दाल की सब्जी भी बना सकती हैं, लेकिन इसमें मांस या मसाले नहीं होने चाहिए।
सुबह का भोजन
- सबुदाना: सुबह के भोजन में सबुदाना की खिचड़ी बना सकती हैं। यह व्रत के नियमों के अनुसार बनायी जाती है और स्वादिष्ट होती है।
- पनीर: पनीर का सेवन करना भी व्रत के दिन मान्य है, लेकिन इसमें बहुत मसाले नहीं होने चाहिए।
- दही: दही का सेवन भी व्रत के दिन फायदेमंद है। यह पाचन को सुधारता है और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहने में मदद करता है।
व्रत को खोलना
व्रत के दिन, सावित्री माता की पूजा के बाद व्रत को खोला जाता है। इसमें व्रती और उनके पति के साथ एक साधारण भोजन शामिल होता है, जिसमें उन्हें व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
निष्कर्ष
वट सावित्री व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के लिए आत्म-समर्पण और पतिव्रता धर्म की प्रतीक है। इस व्रत के दिन, सही खानपान का पालन करके आप इसके महत्व को समझ सकती हैं और अपने आत्मा की शुद्धि कर सकती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1.क्या वट सावित्री व्रत के दिन मांस खा सकते हैं?
वट सावित्री व्रत के दिन मांस खाना मना है।
2.क्या हम व्रत के दिन तेल और नमक का उपयोग कर सकते हैं?
आप व्रत के दिन तेल और नमक का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन मांस और मसाले से बचना चाहिए।
3.क्या प्याज और लहसुन व्रत के दिन खा सकते हैं?
व्रत के दिन प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें तामसिक गुण होते हैं और व्रत के दिन सात्विक आहार की दिशा में रहना चाहिए।
4.क्या व्रत के दिन अनाजों का सेवन कर सकते हैं?
व्रत के दिन अनाजों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान दें कि वे व्रत के नियमों के अनुसार पकाए गए हों।
5.क्या वट सावित्री व्रत का खुलासा रात को किया जा सकता है?
वट सावित्री व्रत का खुलासा दिन के समय किया जाता है, आमतौर पर सूर्योदय के बाद।