प्राकृतिक तरीके से पीरियड लाने का उपाय

महिलाओं के जीवन में मासिक धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का परिचय कराता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। अगर आप भी महसूस कर रही हैं कि आपका मासिक धर्म अनियमित है या देर से हो रहा है, तो आपको चिंता करने की बजाय पीरियड लाने का उपाय को अपनाने का समय है।

प्राकृतिक तरीके से पीरियड लाने का उपाय

1. आहार में परिवर्तन

आहार में परिवर्तन करना पीरियड्स को नियमित बनाए रखने में मदद कर सकता है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

  1. हेल्दी आहार:
    • सब्जियां, फल, और पूरे अनाज को अपने आहार में शामिल करें।
    • धूप में सुखा हुआ दालें, फल, और सब्जियां भी आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं।
  2. प्रोटीन और विटामिन से भरपूर आहार:
    • मछली, अंडे, दही, पनीर, और दालें जैसे प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें।
    • विटामिन सी और डी की शुरुआत करें, जैसे कि आम, नारंगी, आदि।
  3. अधिक पानी पीना:
    • दिन में पाँच-छह लीटर पानी पीने से शारीरिक स्वास्थ्य बना रहता है और पीरियड्स को नियमित बनाए रखने में मदद करता है।
  4. सुबह का नाश्ता:
    • सुबह का नाश्ता न करना भी पीरियड्स को अनियमित बना सकता है, इसलिए नियमित रूप से नाश्ता करें।
  5. उपायुक्त तेलों का उपयोग:
    • अच्छे कोलेस्ट्रॉल वाले तेलों का उपयोग करें, जैसे कि जैतून का तेल और सरसो का तेल।
  6. आहार में विभिन्नता:
    • अपने आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने से सभी पोषक तत्व मिलते है और स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते है।

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2. योग और आसन

  1. पादासन:
    • यह आसन कमर को मजबूत करने में मदद करता है।
  2. बालासन:
    • इस आसन से शरीर को आराम मिलता है और मानसिक चिंता कम होती है, जिससे पीरियड्स में आराम होता है।
  3. उत्तानपादासन:
    • उत्तानपादासन एक योगासन है जो शरीर की मांड़ी को मजबूत करने, पेट को संवेदनशील बनाए रखने, और पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है और पीरियड्स को नियमित बनाए रखने में मदद करता है।
  4. अनुलोम विलोम प्राणायाम:
    • यह प्राणायाम हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद कर सकता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
  5. ध्यान भावना:
    • ध्यान भावना से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और पीरियड्स में आराम मिलता है।

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3.प्राकृतिक उपचार

  1. अनार का रस:
    • अनार का रस नियमित रूप से पीना पीरियड्स को नियमित बनाए रखने में मदद करता है।
  2. अजवाइन का काढ़ा:
    • एक चमच अजवाइन को पानी में डालकर उबालें और पिये, इसे पीने से पीरियड्स की समस्या में राहत मिलती है।
  3. जीरा पानी:
    • जीरा पानी पीना भी पीरियड्स को नियमित बनाए रखने में मदद करता है।
  4. अशोकारिष्ट:
    • अशोकारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में मदद करती है, इसे डॉक्टर की सलाह से लें।
  5. गुग्गुलु:
    • गुग्गुलु एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करती है।

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4. अशोकारिष्ट का उपयोग

अशोकारिष्ट एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसे महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए प्रयुक्त किया जाता है। यह रक्त प्रवाह को बनाए रखने, गर्भाशय की सफाई करने, और हॉर्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है। यहां अशोकारिष्ट का उपयोग करने का उल्लेख किया गया है:

  1. पीरियड्स की अनियमितता:
    • अशोकारिष्ट को पीरियड्स की अनियमितता और दर्द को कम करने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। इससे हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद होती है और प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म को लाने में सहारा प्रदान करता है।
  2. गर्भाशय समस्याएं:
    • अशोकारिष्ट को गर्भाशय संबंधी समस्याओं, जैसे कि गर्भाशय के इन्फेक्शन और शक्ति की कमी में सहायक माना जाता है।
  3. पीसन की समस्या:
    • यह आयुर्वेदिक औषधि पीसन संबंधी समस्याओं को दूर करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।
  4. हॉर्मोनल असंतुलन:
    • अशोकारिष्ट को महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन को संतुलित करने और प्राकृतिक रूप से हॉर्मोन्स को सुधारने में मदद करता है।
  5. गर्भनिरोधक उपाय:
    • कुछ मामलों में, अशोकारिष्ट को गर्भनिरोधक उपाय के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस पर डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

अशोकारिष्ट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है, खासकर गर्भावस्था या किसी अन्य मेडिकल स्थिति में होने पर।

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5. शतावरी के लाभ

शतावरी, जिसे अस्परागस रेसेमोसस (Asparagus racemosus) के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लाभ के लिए प्रयुक्त की जाती है। यहां शतावरी के कुछ मुख्य लाभों का विवरण है:

  1. महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार:
    • शतावरी को महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करने के लिए जाना जाता है। यह गर्भाशय, और प्रजनन संबंधी समस्याओं में सहायक होता है।
  2. हार्मोनल बैलेंस को सुधारना:
    • शतावरी का सेवन हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है, खासकर महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन की स्थिति में।
  3. प्रसव संबंधी समस्याएं:
    • शतावरी का उपयोग प्रसव संबंधी समस्याओं, जैसे कि गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों में सहायक होता है।
  4. स्त्रीरोगों में सहायक:
    • शतावरी का सेवन स्त्रीरोगों, जैसे कि पीसन, बांझपन, और अनियमित पीरियड्स में सहायक होता है।
  5. स्तनपान क्षमता को बढ़ावा:
    • शतावरी का सेवन स्तनपान क्षमता को बढ़ावा देने में मदद करता है और माँ बनने वाली महिलाओं को इसमें रुचि बढ़ा सकता है।
  6. शारीरिक तंतुमंतर स्वास्थ्य:
    • शतावरी का सेवन शारीरिक तंतुमंतर स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, और शरीर को ऊर्जा प्रदान कर सकता है।

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6. स्ट्रेस

मासिक धर्म के लिए स्ट्रेस का सामना करना एक सामान्य समस्या है, और इस परिस्थिति में सही तरीके से स्ट्रेस का सामना करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं जो मासिक धर्म के साथ स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  1. योग और प्राणायाम:
    • योग और प्राणायाम स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं, और मासिक धर्म के दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक हो सकते हैं। आप अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, और उत्तानपादासन जैसे आसन कर सकती हैं।
  2. पौधिक चायें:
    • तुलसी, अदरक, और अश्वगंधा की चायें स्ट्रेस को कम करने में मदद करती हैं।
  3. सही आहार:
    • सही आहार लेना भी महत्वपूर्ण है। फल, सब्जियाँ, दालें, और पूरे अनाज शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  4. हरिताकी:
    • हरिताकी एक आयुर्वेदिक उपाय है जो मासिक धर्म के साथ संबंधित स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। इसे गर्म पानी के साथ सेवन कर सकती हैं।
  5. नींद और आराम:
    • पर्याप्त नींद और आराम स्ट्रेस को कम करने में महत्वपूर्ण हैं। इसलिए नियमित रूप से अच्छी नींद लेना और ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
  6. सोने का सही समय:
    • रात्रि में सही समय पर सोना भी महत्वपूर्ण है। यह स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और स्ट्रेस को कम करने में सहायक होता है।

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समापन

मासिक धर्म नियमित होना बहुत महत्वपूर्ण है ,महिलाओ को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित रूप से देखभाल करें। यह सर्वांगीण विकास में मदद करता है।

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