दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने बजट की कमी के चलते अपने बहुप्रतीक्षित रोबोटिक मिशन VIPER को रद्द करने का फैसला किया है। VIPER, जिसका पूरा नाम वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर है, को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ के भंडार की खोज के लिए भेजा जाना था। इस निर्णय से नासा को 84 मिलियन डॉलर की बचत होगी, जबकि अब तक इस प्रोजेक्ट पर लगभग 450 मिलियन डॉलर (लगभग 37 अरब रुपये) खर्च हो चुके हैं, जिसमें लॉन्च की लागत शामिल नहीं है।
क्या है VIPER मिशन?
VIPER मिशन का उद्देश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ की मौजूदगी का पता लगाना था। मिशन 100 दिनों के लिए प्रस्तावित था और इसे साल 2025 तक लॉन्च किया जाना था। नासा की योजना थी कि VIPER रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहां मौजूद बर्फ के भंडार की खोज करेगा और उसकी संरचना का अध्ययन करेगा। यह मिशन नासा के आर्टिमिस प्रोग्राम का हिस्सा था, जो इंसानों को एक बार फिर चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है।
VIPER मिशन रद्द करने का कारण
नासा के लिए VIPER मिशन को रद्द करना एक निराशाजनक फैसला हो सकता है, लेकिन एजेंसी की लीडरशिप का मानना है कि यह निर्णय बजट की कमी के कारण लिया गया है। 17 जुलाई को एक टेलीकॉन्फ्रेंस में इस मिशन को खत्म करने का फैसला लिया गया। उस समय VIPER रोवर पूरी तरह तैयार था और एनवायरनमेंटल टेस्टिंग से गुजर रहा था, जो यह सुनिश्चित करती है कि रोवर अंतरिक्ष के कठोर माहौल को झेल सके।
नासा की भविष्य की योजनाएं
हालांकि VIPER मिशन को रद्द करना निराशाजनक है, लेकिन नासा की लीडरशिप को भरोसा है कि वे अन्य मून मिशनों के माध्यम से उन लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं, जो VIPER मिशन से पूरे होने थे। नासा अब यह देख रही है कि VIPER में लगाए गए वैज्ञानिक उपकरणों का दोबारा इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। आर्टिमिस मिशन के तहत इंसानों को फिर से चांद पर भेजने की तैयारी हो रही है, जिससे नासा की उम्मीदें बनी हुई हैं।
2030 तक AI और ऑटोमेशन से जॉब मार्केट में होगा बड़ा उथल-पुथल, क्या आपकी नौकरी भी है खतरे में?