Air Leak in ISS : धरती से 400 किलोमीटर ऊपर तैर रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सेगमेंट से लगातार हवा का रिसाव हो रहा है, जिससे नासा और रूस दोनों ही परेशान हैं।
2019 से लगातार जारी है लीकेज
सबसे पहले इस हवा के रिसाव का पता 2019 में चला था, जब ISS के ज्वेज्दा मॉड्यूल से हवा लीक होते देखी गई। तब से यह समस्या बनी हुई है और अब यह लीकेज हर दिन 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया है।
अस्ट्रोनॉट्स की मुश्किलें बढ़ीं
अभी के लिए अस्ट्रोनॉट्स ने उस क्षेत्र को बंद कर दिया है, जहां से सबसे ज्यादा हवा लीक हो रही है। इस इलाके में केवल जरूरत पड़ने पर ही जाते हैं।
माइक्रोआरएनए की खोज के लिए विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को मिला Nobel Prize 2024 in Medicine!
नासा का बड़ा डर: ISS का भविष्य खतरे में?
अगर यह समस्या हल नहीं होती है, तो उस हिस्से को हमेशा के लिए बंद कर दिया जा सकता है। इससे रूस के सोयुज स्पेसक्राफ्ट भविष्य में ISS पर डॉक नहीं कर पाएंगे।
नासा के पास नहीं है वक्त, ISS का अंत करीब!
इस लीकेज के अलावा, नासा को और भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे सप्लाई चेन और स्पेयर पार्ट्स की कमी। नासा चाहती है कि ISS 2028-2030 तक ऑपरेट हो जाए, इसके बाद इसे पृथ्वी के वातावरण में गिराकर समाप्त कर दिया जाएगा।
ISS में क्या कोई बड़ा हादसा होने वाला है?
फिलहाल, नासा और रॉसकॉसमॉस इस लीकेज का स्थायी समाधान ढूंढने में लगे हैं। लेकिन क्या ISS में बड़ा हादसा हो सकता है?