Meta ने हाल ही में एक बड़े साइबर हमले को रोकने का दावा किया है, जिसमें ईरानी हैकर्स ग्रुप ने अमेरिका के कई शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। Meta ने बताया कि इस हैकर्स ग्रुप का निशाना राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से जुड़े अधिकारी थे। Meta ने इस गंभीर साइबर हमले की योजना का खुलासा करते हुए बताया कि उसने वॉट्सऐप पर इन हैकर्स के कई अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है।
Meta का बड़ा कदम: वॉट्सऐप पर ब्लॉक किए गए ईरानी हैकर्स के अकाउंट्स
ने शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि उसने ईरान से संबंध रखने वाले एक हैकर्स ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई की है। इस ग्रुप ने पहले भी कई एक्टिविस्ट, गैर-सरकारी संस्थानों, और मीडिया आउटलेट्स को निशाना बनाया है। लेकिन इस बार, इन हैकर्स का मुख्य लक्ष्य राजनीतिक और राजनयिक अधिकारी थे।
Meta ने कहा कि इस साइबर हमले का मकसद राष्ट्रपति बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को फंसाना था। हालांकि, कंपनी ने साफ किया है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे ये पता चले कि किसी वॉट्सऐप यूजर के अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की गई हो।
चुनाव से पहले Meta की सतर्कता
नवंबर में होने वाले चुनावों से पहले Meta खासा सतर्क नजर आ रहा है। दो पिछले राष्ट्रपति चुनावों में फेसबुक का कैसे इस्तेमाल किया गया था, इसे ध्यान में रखते हुए Meta इस बार बेहद सावधानी बरत रही है। कंपनी ने इस बार चुनावी माहौल में किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कानूनी कार्रवाई का खतरा
Meta के लिए मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं। पोलैंड के बिलिनेयर Rafal Brzoska और उनकी पत्नी ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जाली विज्ञापनों को लेकर कंपनी के खिलाफ कानूनी मामला दायर करने की योजना बनाई है। इन विज्ञापनों में Brzoska के चेहरे का गलत इस्तेमाल किया गया था और उनकी पत्नी के बारे में झूठी जानकारी फैलाई गई थी।
Meta को अब एक तरफ जहां साइबर हमलों से निपटना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जाली विज्ञापनों के कारण कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में कंपनी के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
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