भारतीय मूल की नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर इस समय अंतरिक्ष में एक भयंकर संकट का सामना कर रहे हैं। वह बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे, लेकिन अब इस स्पेसक्राफ्ट में आई बड़ी खराबी की वजह से उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने की कोशिशें अधर में लटकी हैं। अगर यह खराबी ठीक नहीं होती, तो वे अंतरिक्ष में ही फंसे रह सकते हैं।
पृथ्वी पर लौटने के लिए संकट की स्थिति!
अमेरिकी मिलिट्री स्पेस सिस्टम्स के पूर्व कमांडर रूडी रिडोल्फी के अनुसार, सुनीता और बुच को वापस लाने में कई खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है:
संभावना | विवरण |
---|---|
सही एंगल से वापसी | पृथ्वी के वायुमंडल में गलत एंगल से एंट्री करने पर स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में ही फंसा रह सकता है। |
अलाइनमेंट की गड़बड़ी | पृथ्वी पर लौटते समय अगर स्पेसक्राफ्ट का अलाइनमेंट सही नहीं हुआ, तो वह वायुमंडल में कभी एंट्री नहीं कर पाएगा। |
हीट शील्ड फेलियर | अगर हीट शील्ड ने ज्यादा घर्षण और गर्मी को सहन नहीं किया, तो स्पेसक्राफ्ट धरती की सतह तक पहुंचने से पहले ही जल सकता है। |
क्या सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जान खतरे में है?
नासा अब तक अंतिम रूप से तय नहीं कर पाई है कि सुनीता और बुच को धरती पर कैसे लाया जाए। अगर वह ISS के मौजूदा क्रू के साथ वहां रुके रहते हैं, तो उन्हें 2025 तक पृथ्वी पर लौटने का इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं, अगर उन्हें स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से ही लाने की कोशिश की गई, तो यह जोखिम भरा हो सकता है।
क्या यह अंतरिक्ष की सबसे बड़ी आपदा बन सकती है? यह सवाल इस समय सभी के मन में घूम रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नासा इस चुनौती से कैसे निपटती है और सुनीता व उनके साथी को सुरक्षित वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।