GPS आधारित टोल सिस्टम : टोल प्लाजा पर घंटों लाइन में लगकर आपका समय खराब होता है? अब इससे निजात मिलने वाली है! सरकार ने एक नई तकनीक लागू की है, जिससे टोल वसूली GPS के जरिए होगी। आइए जानते हैं इस नए सिस्टम के बारे में सभी जरूरी बातें और इसका आपके फास्टैग पर क्या असर पड़ेगा!
कैसे काम करेगा GPS आधारित टोल?
सरकार ने टोल वसूली के लिए सैटेलाइट आधारित टेक्नोलॉजी को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS), ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) और ऑन बोर्ड यूनिट्स (OBU) का इस्तेमाल किया जाएगा।
जब आपकी गाड़ी हाईवे पर चलेगी, तो GPS और OBU यूनिट गाड़ी की लोकेशन को ट्रैक करेंगे। यह जानकारी सैटेलाइट के जरिए हाईवे कैमरों से डबल वैरिफिकेशन के साथ भेजी जाएगी। गाड़ी द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर ही टोल शुल्क काटा जाएगा।
फास्टैग का क्या होगा?
अभी के लिए फास्टैग का इस्तेमाल जारी रहेगा। फास्टैग के साथ-साथ ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) टेक्नोलॉजी के जरिए भी टोल वसूली होती रहेगी।
Ola Electric के शोरूम में बवाल! कस्टमर ने सर्विस से परेशान होकर लगा दी आग
अब 20 किलोमीटर तक फ्री यात्रा!
नए नियमों के अनुसार, 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने पर कोई टोल शुल्क नहीं लगेगा। इस नियम का लाभ उठाकर आप छोटा सफर बिना कोई शुल्क दिए कर सकते हैं।
केवल तय की गई दूरी का चार्ज
अब आपको उतना ही टोल देना होगा, जितनी दूरी आपने हाईवे पर तय की है। GNSS और OBU डिवाइस से लैस गाड़ियों के लिए अलग लेन बनाई जाएगी। इससे आपका समय बचेगा और टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
पुराने टोल सिस्टम का क्या?
जो गाड़ियां भारत में रजिस्टर्ड नहीं हैं या जिनमें GNSS डिवाइस नहीं लगे हैं, उनसे पुराने सिस्टम से ही टोल वसूला जाएगा।
GPS आधारित टोल सिस्टम : एक नजर में
विशेषताएँ | विवरण |
---|---|
टेक्नोलॉजी | GPS, GNSS, OBU डिवाइसेस |
वसूली का तरीका | सैटेलाइट के जरिए दूरी मापी जाएगी और उसी के आधार पर चार्ज |
20 किलोमीटर फ्री | 20 किलोमीटर तक कोई टोल नहीं |
फास्टैग का उपयोग | जारी रहेगा |
नया सिस्टम कब लागू होगा? | शुरुआती तौर पर बड़े हाईवे और एक्सप्रेसवे पर |
क्या होगा फायदा?
- टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।
- ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा।
- गाड़ी द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर ही शुल्क लिया जाएगा।
अब आपको टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में खड़ा होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार का यह कदम आपके सफर को और भी सुगम बनाएगा! GPS आधारित टोल सिस्टम जल्द ही आपके नजदीकी हाईवे पर नजर आ सकता है।