ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज के कारण जहाँ दुनियाभर में समुद्र का जल स्तर बढ़ने की चेतावनी दी जा रही है, वहीं एक आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है। कई जगहों पर समुद्र में डूबने के खतरे के बावजूद, कुछ द्वीप अपनी जगह पर डटे हैं और यहां तक कि अपना आकार भी बढ़ा रहे हैं! यह चौंकाने वाली जानकारी मालदीव के प्रवाल द्वीपों (atolls) से सामने आई है, जहां वैज्ञानिकों ने इस उलटी घटना का अध्ययन किया।
कैसे बढ़ रहे हैं द्वीप?
दुनिया के कई हिस्सों में समुद्री तट सिकुड़ रहे हैं, लेकिन मालदीव के कुछ द्वीपों के मामले में ऐसा नहीं हो रहा। New York Times की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों की एक टीम ने इन द्वीपों का गहन अध्ययन किया। उन्होंने अपने कैमरों और उपकरणों के माध्यम से पाया कि समुद्री लहरें इन द्वीपों के किनारों को नई आकृति दे रही हैं, जिससे ये द्वीप अपने क्षेत्रफल में वृद्धि कर रहे हैं।
क्या है प्रवाल द्वीपों का रहस्य?
प्रवाल द्वीप, या कोरल एटोल्स, विशेष प्रकार की समुद्री संरचनाएं हैं जो समुद्र के बीच स्थित लैगून (lagoon) के पास पाई जाती हैं। ये द्वीप ज्वालामुखीय गतिविधियों और टेक्टॉनिक प्लेटों की गति से निर्मित होते हैं। समुद्री लहरें इन द्वीपों पर मिट्टी और अन्य सामग्री जमा करती रहती हैं, जिससे इनका आकार बढ़ता रहता है।
मालदीव के 184 द्वीपों के अध्ययन में यह पाया गया कि आधे द्वीपों ने अपना आकार खो दिया है, जबकि कुछ अभी भी अपनी जगह पर टिके हुए हैं और कुछ ने तो अपना क्षेत्रफल भी बढ़ाया है।
भविष्य की अनिश्चितता
भले ही मालदीव के कुछ द्वीपों का आकार बढ़ रहा हो, लेकिन वैज्ञानिक यह सटीक रूप से नहीं कह सकते कि भविष्य में क्या होगा। यह उस देश की नीतियों और उपायों पर निर्भर करता है कि वे अपने द्वीपों को कैसे सुरक्षित रखते हैं। कुछ हिस्सों के पानी में डूबने का खतरा भी बना हुआ है।