ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा बढ़ता जा रहा है और अब इसका सबसे नया तरीका बनकर उभरा है ‘डिजिटल अरेस्ट’। इस खतरनाक स्कैम में, अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ठगते हैं। इस फ्रॉड के शिकार कई लोग हो चुके हैं और सरकार ने इसे लेकर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
डिजिटल अरेस्ट एक नई तरह की ठगी है, जिसमें स्कैमर्स खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पेश करते हैं। वे वीडियो कॉल के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और उन्हें किसी झूठे केस में फंसाने का डर दिखाते हैं। स्कैमर्स पीड़ितों को धमकाते हैं कि अगर वे पैसे नहीं देते, तो उन्हें जेल हो सकती है।
कैसे होता है यह स्कैम?
इस ठगी में इस्तेमाल होने वाले तरीके बेहद चालाक हैं। स्कैमर्स आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों का सहारा लेते हैं:
- ड्रग तस्करी का आरोप: पीड़ित से कहा जाता है कि उसका नाम नशीले पदार्थों की तस्करी में जुड़ा है। स्कैमर्स खुद को पुलिस अधिकारी या सरकारी एजेंट बताकर पेश करते हैं और धमकी देते हैं कि अगर वे पैसे नहीं देंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
- परिवार के सदस्य को मुसीबत में बताना: स्कैमर्स कभी-कभी पीड़ितों से कहते हैं कि उनका कोई करीबी पुलिस केस में फंस गया है। खासतौर पर माता-पिता को बताया जाता है कि उनका बच्चा मुश्किल में है और उसे बचाने के लिए पैसे चाहिए।
टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग
इस स्कैम को अंजाम देने के लिए ठग टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। वे फर्जी दफ्तर और पुलिस स्टेशन बनाते हैं, सरकारी अधिकारियों जैसे कपड़े पहनते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। पीड़ितों को घंटों तक वीडियो कॉल पर फंसाकर रखा जाता है, ताकि वे पूरी तरह से उनकी बातों में आ जाएं।
वास्तविक मामलों के उदाहरण
दिल्ली-एनसीआर में एक मामला सामने आया, जहां एक महिला डॉक्टर से स्कैमर्स ने ट्राई का अफसर बनकर संपर्क किया। उन्हें कहा गया कि उनका मोबाइल नंबर अवैध कंटेंट डिस्ट्रिब्यूट कर रहा है। डॉक्टर ने बिना सोचे-समझे 60 लाख रुपये स्कैमर्स को ट्रांसफर कर दिए।
इस ठगी का शिकार सिर्फ आम लोग नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स भी हो रहे हैं। आईटी कंपनी के इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य प्रोफेशनल्स भी इस फ्रॉड में फंस चुके हैं।
सरकार की चेतावनी
सरकार ने इस तरह की ठगी के मामलों पर चिंता जताई है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। किसी भी वीडियो कॉल या फोन कॉल पर तुरंत विश्वास न करें, विशेषकर जब उसमें पैसों की मांग की जाए। अगर किसी अधिकारी से संपर्क किया जाता है, तो उनकी पहचान की पुष्टि करें और जरूरत पड़ने पर संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क करें।
डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम्स से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात व्यक्ति को पैसे देने से पहले अच्छी तरह से जांच-परख कर लें। आपकी सावधानी ही आपकी सुरक्षा है!