क्रिप्टो और साइबर फ्रॉड का खतरनाक कनेक्शन!

क्रिप्टो और साइबर फ्रॉड : मध्य प्रदेश के इंदौर से सामने आए एक साइबर फ्रॉड मामले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। यहां मेडिकल के एक छात्र, विक्रम विश्नोई, को आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह रकम न सिर्फ ठगी गई थी, बल्कि इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर चीन के एक गिरोह को भेजा गया था।

छात्र बना साइबर फ्रॉड का अहम कड़ी

राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला विक्रम, महाराष्ट्र के अलीबाग में MBBS थर्ड ईयर का छात्र है। पूछताछ में पता चला कि वह बैंक अकाउंट्स उपलब्ध कराकर साइबर फ्रॉड के लिए चीन के एक गैंग की मदद कर रहा था। वह Telegram ऐप के जरिए गैंग के संपर्क में था। इस धोखाधड़ी का एक हिस्सा Binance क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए चीन के क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर किया गया था।

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Binance और ED का रोल

पुलिस ने इस मामले में अधिक जानकारी के लिए Binance से संपर्क किया है। इससे पहले भी Binance ने Fiewin गेमिंग स्कैम के खुलासे में मदद की थी, जिसमें लगभग 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चला था। Fiewin ऐप के जरिए यूजर्स को तेजी से रिटर्न देने का झांसा दिया गया, लेकिन बैलेंस बढ़ने पर उन्हें फंड विड्रॉ करने की अनुमति नहीं दी गई।

चीन से जुड़े साइबर अपराध

पुलिस और ED की जांच में यह साफ हो रहा है कि साइबर अपराधों में चीन के गैंग की भूमिका बढ़ती जा रही है। क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंड ट्रांसफर इन अपराधों को अंजाम देने का नया तरीका बनता जा रहा है। इस मामले ने न केवल साइबर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग हो सकता है।

सुरक्षा के लिए सतर्क रहें

तेजी से बढ़ते साइबर अपराध और क्रिप्टो फ्रॉड के मामलों ने दिखा दिया है कि डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना कितना जरूरी है। यह घटना न सिर्फ सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करती है, बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन करते समय सावधानी बरतने की भी सीख देती है।

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