अब EV खरीदने का सुनहरा मौका! केंद्र सरकार की 14,335 करोड़ रुपये की दो योजनाओं से मिलेगा जबरदस्त फायदा

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की सेल्स को तेजी से बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 14,335 करोड़ रुपये की दो धांसू योजनाओं को मंजूरी दी गई है। अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन लेने का सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है!

क्या है PM E-DRIVE और PSM?

सरकार ने PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) और PM-eBus Sewa-Payment Security Mechanism (PSM) नाम की योजनाएं लॉन्च की हैं। इन योजनाओं का मुख्य मकसद पॉल्यूशन को कम करना और इलेक्ट्रिक बसों, एंबुलेंस और ट्रकों का इस्तेमाल बढ़ाना है।

PM E-DRIVE के लिए 10,900 करोड़ रुपये और PSM के लिए 3,435 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

PM E-DRIVE के तहत, सरकार EV खरीदने वालों को सब्सिडी और डिमांड इंसेंटिव देगी। खासकर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स, एंबुलेंस और ट्रक खरीदने वालों को जबरदस्त फायदा मिलेगा।

सब्सिडी और इंसेंटिव कितना मिलेगा?

योजना राशि (₹)
PM E-DRIVE 10,900 करोड़
PSM (eBus Sewa) 3,435 करोड़
EV डिमांड इंसेंटिव 3,679 करोड़
इलेक्ट्रिक एंबुलेंस फंड 500 करोड़
इलेक्ट्रिक बस खरीद फंड 4,391 करोड़

किन्हें मिलेगा फायदा?

  • 24.79 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स
  • 3.16 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स
  • 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद में मदद

कैसे मिलेगा इंसेंटिव?

इस योजना के तहत, मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज एक ई-वाउचर जारी करेगी, जो EV खरीदने पर पोर्टल पर जेनरेट होगा। इससे आपको तुरंत फायदा मिलेगा और आप अपनी पसंद का इलेक्ट्रिक वाहन आसानी से खरीद पाएंगे।

इलेक्ट्रिक एंबुलेंस का भी होगा इस्तेमाल

इस योजना में इलेक्ट्रिक एंबुलेंस को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे मरीजों का ट्रांसपोर्टेशन आसान और पॉल्यूशन-फ्री हो सकेगा। इस पर 500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

बड़े शहरों में बढ़ेगी इलेक्ट्रिक बसें

सरकार ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, सूरत, अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए भी फंड जारी किया है। यह फैसला पॉल्यूशन को कम करने और ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए लिया गया है।

डिजल ट्रक का होगा विकल्प!

डिजल से चलने वाले ट्रक पॉल्यूशन का बड़ा कारण हैं। इन्हें हटाकर इलेक्ट्रिक ट्रक लाने की योजना बनाई गई है, ताकि पॉल्यूशन को कम किया जा सके और EV की हिस्सेदारी को बढ़ावा दिया जा सके।

EV की हिस्सेदारी 2030 तक बढ़ाने का लक्ष्य

सरकार की योजना है कि 2030 तक ऑटोमोबाइल की कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी में तेजी से इजाफा किया जाए। इससे न केवल पर्यावरण सुधरेगा, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन भी आसान और सस्ता होगा।

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