Ambe Tu Hai Jagdambe Kali-माता अम्बे तू है जगदम्बे काली। तुम हो सबकी माता, शक्ति की अवतारी, भक्तों की रक्षक और सबके दुःख हरने वाली। तुम्हारी महिमा अपार है और तुम्हारे चरणों में हम सब शरण लेते हैं। तुम सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक और सर्वोपरि हो। तुम्हें नमन करते हैं और तुम्हारे गुण गाते हैं। हे जगदम्बे काली, हमें आपकी कृपा और आशीर्वाद दें। ओम् जय अंबे गौरी॥
अंबे तू है जगदम्बे काली,(Ambe Tu Hai Jagdambe Kali)
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गाए भारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥
तेरे भक्त जनों पे माता भीड़ पड़ी है,
भक्तों की है ये सबसे बड़ी ख्वाहिश है।
रानी है तू, मैया है तू,
सबकी है ये माता, जगदम्बे काली॥
चरणों में सजा रखे, जगदम्बे काली,
दुःख हरने वाली, जगदम्बे काली।
सर्व सुख करने वाली, जगदम्बे काली,
तेरे दर पर हम है आये, जगदम्बे काली॥
चंद्र और सूरज भी तुझसे जुड़े,
तेरे भक्त जन्मों से खुशियां लूटे।
रक्षा करे हमारी, जगदम्बे काली,
तेरे दर पर हम है आये, जगदम्बे काली॥
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गाए भारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निस दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।
ओम जय अंबे गौरी॥
मंग सिंदूर विराजत, टिको मृगमदको,
उज्ज्वल से दो नैना, चंद्रवदन निको।
ओम जय अंबे गौरी॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे,
रक्त पुष्प गल माला, कण्ठन पर सजे।
ओम जय अंबे गौरी॥
केहरी वहन रजत, खड़ग खप्पर धारी,
सुर नर मुनि जन सेवत, तिनके दुख हारी।
ओम जय अंबे गौरी॥
कानन कुंडल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम रजत ज्योति।
ओम जय अंबे गौरी॥
शुम्भ निहारे रख्तबीज, शुम्भ-विदारे,
महिषासुर गर्जन विमते भये, दूजे।
ओम जय अंबे गौरी॥
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी,
आगम निगम बखानी, तुम शिव पत्रानी।
ओम जय अंबे गौरी॥
चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरों,
बजत ताल मृदंग, और बजत डमरू।
ओम जय अंबे गौरी॥
तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता,
भक्तों की द्वारा परमात्मा दर्शन पाता।
ओम जय अंबे गौरी॥
बार बार जो कोई आरती गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख सम्पति पावे।
ओम जय अंबे गौरी॥
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,
तुमको निस दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी।
ओम जय अंबे गौरी॥
मैया जय अंबे गौरी,
जय दुर्गे खप्पर वाली।
तेरे ही गुण गाए भारती,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥
आशा है कि आपको यह आरती पढ़ने में आनंद आएगा।
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Full ARTI “Ambe Tu Hai Jagdambe Kali”: In English
Ambe tu hai jagdambe kali,
Jay durge khappar wali.
Tere hi gun gaye bharti,
O maiya hum sab utare teri aarti.
Tere bhakt jano pe mata bheed padi hai,
Bhakton ki hai ye sabse badi khwahish hai.
Rani hai tu, maiya hai tu,
Sabki hai ye maata, jagdambe kali.
Charno me saja rakhe, jagdambe kali,
Dukh harne wali, jagdambe kali.
Sarva sukh karne wali, jagdambe kali,
Tere dar par hum hai aaye, jagdambe kali.
Chand aur suraj bhi tujhse jude,
Tere bhakt janmo se khushiyaan lute.
Raksha kare humari, jagdambe kali,
Tere dar par hum hai aaye, jagdambe kali.
Jai durge khappar wali,
Tere hi gun gaye bharti,
O maiya hum sab utare teri aarti.
Jai Ambe Gauri, maiya jai Shyama Gauri,
Tumko nis din dhyavat, hari brahma shivji.
Om jai Ambe Gauri.
Mang sindur virajat, tiko mrigmadko,
Ujjwal se dou naina, chandravadan niko.
Om jai Ambe Gauri.
Kanak saman kalevar, raktaambar raje,
Rakt pushp gal mala, kanthan par saje.
Om jai Ambe Gauri.
Kehri vahan rajat, khadag khappar dhari,
Sur nar muni jan sewat, tinke dukh hari.
Om jai Ambe Gauri.
Kaanan kundal shobhit, nasagre moti,
Kotik chandra divakar, sam rajat jyoti.
Om jai Ambe Gauri.
Shumbh nihaare rakhtbeej, shumbh-vidare,
Mahishasur garjan vimate bhaye, dooje.
Om jai Ambe Gauri.
Bramhani rudrani tum kamala rani,
Aagam nigam bakhani, tum shiv patrani.
Om jai Ambe Gauri.
Chausath yogini gaavat, nritya karat bhairon,
Bajat tal mridanga, aur bajat damru.
Om jai Ambe Gauri.
Tum ho jag ki mata, tum hi ho bharta,
Bhaktan ki duara parmatma darshan pata.
Om jai Ambe Gauri.
Baar baar jo koi aarti gaave,
Kahat shivanand swami, sukh sampati paave.
Om jai Ambe Gauri.
Jai Ambe Gauri, maiya jai Shyama Gauri,
Tumko nis din dhyavat, hari brahma shivji.
Om jai Ambe Gauri.
एक ही रात में बाल झड़ने होंगे गारंटी से बंद