महाबोधि मंदिर, भगवान बुद्ध के ज्ञान की प्राप्ति का पवित्र स्थल, अब एक और रहस्य को अपने अंदर छुपाए हुए है। हाल ही में सैटेलाइट इमेजरी से मिली जानकारी के अनुसार, मंदिर के नीचे छुपी हुई संरचनाएं हैं, जिनमें एक प्राचीन मठ हो सकता है।
सैटेलाइट इमेजरी से मिला संकेत
एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि सैटेलाइट स्टडी के दौरान मंदिर के नॉर्थ साइड में जमीन के अंदर कुछ संरचनाएं दिखाई दी हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि ये संरचनाएं एक प्राचीन मठ की हैं, जो एक खाई और बस्ती से घिरा हुआ था।
पुरातात्विक खजाने की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सैटेलाइट स्टडी ने महाबोधि मंदिर के आसपास के इलाकों में मिट्टी के नीचे पुरातात्विक खजाने की मौजूदगी के सबूत मिले हैं। हालांकि, यह अध्ययन अभी पब्लिश नहीं हुआ है और इस पर और काम जारी है।
महाबोधि मंदिर का महत्व
महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित यह मंदिर बुद्ध के जीवन से जुड़े 6 पवित्र स्थलों में से एक है और यूनेस्को की धरोहरों में शामिल है। यह भारत में मौजूद सबसे पुराने ईंट के बने बौद्ध मंदिरों में से एक है, जिसका इतिहास 5वीं या 6वीं शताब्दी ई. का है।
सहयोगी संस्थान
इस नई रिसर्च में एक भारतीय इंस्ट्यिूट और कार्डिफ यूनिवर्सिटी सहयोगी हैं। हालांकि, अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है कि इमेजरी के लिए किस सैटेलाइट की मदद ली गई है। रिसर्च पेपर पब्लिश होने के बाद तस्वीरें सामने आएंगी।
महाबोधि मंदिर के नीचे छुपे इस रहस्य का पता चलने के बाद पुरातत्वविदों और इतिहासकारों में उत्साह है। अगर ये संरचनाएं सच में एक मठ हैं, तो यह बौद्ध धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है।
इस सैटेलाइट इमेजरी के आंकड़े सही साबित होते हैं, तो महाबोधि मंदिर की महत्ता और बढ़ जाएगी और इससे हमें भगवान बुद्ध के समय के बारे में और अधिक जानने का अवसर मिलेगा।
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