अगर आप एंटीबायोटिक दवाओं का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपको हैरान कर देगी। हाल ही में एक स्टडी ने दावा किया है कि अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो 2050 तक 4 करोड़ लोगों की मौत एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance) के कारण हो सकती है।
एंटीबायोटिक दवाओं का खतरनाक प्रभाव
एंटीबायोटिक दवाओं का बार-बार इस्तेमाल बैक्टीरिया और वायरस को रेजिस्टेंस विकसित करने का मौका देता है। इसका मतलब है कि अब दवाएं इन संक्रमणों पर कोई असर नहीं डालेंगी। इसे हम एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस इंफेक्शन कहते हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे साधारण बीमारियों को भी गंभीर बना सकती है।
The Lancet की चौंकाने वाली स्टडी
हाल ही में The Lancet में प्रकाशित एक स्टडी ने इस बात की पुष्टि की है कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के कारण मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। स्टडी में बताया गया है कि आने वाले दशकों में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
स्टडी के सीनियर लेखक, और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के डायरेक्टर क्रिस्टॉफर जे एल मुर्रे ने कहा कि, “यह एक बड़ी समस्या है, और अगर सही कदम नहीं उठाए गए, तो यह ऐसे ही बढ़ती रहेगी।”
रिसर्च में चौंकाने वाले आंकड़े
इस स्टडी में 204 देशों से 52 करोड़ डेटा पॉइंट्स की जांच की गई, जिसमें इंश्योरेंस क्लेम, डेथ सर्टिफिकेट, और हॉस्पिटल डिस्चार्ज रिकॉर्ड शामिल थे। एनालिसिस से पता चला कि 1990 से 2021 के बीच 10 लाख मौतें एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के कारण हुई थीं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह दर आगे भी बढ़ती रहेगी।
बुजुर्गों पर ज्यादा असर, बच्चों को राहत
स्टडी के आंकड़े और भी चिंताजनक हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में AMR से होने वाली मौतें 50% कम हुई हैं, जबकि 70 साल या उससे ऊपर के बुजुर्गों में यह दर 80% तक बढ़ गई है। यानी आने वाले समय में बुजुर्गों को एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से सबसे ज्यादा खतरा होगा।
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एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस रोकने के उपाय
यह स्टडी मांग करती है कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जाएं। सबसे पहले यह जरूरी है कि संक्रमणों को होने से रोका जाए और लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक किया जाए। खांसी-जुकाम जैसी साधारण बीमारियों में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल न किया जाए, बल्कि गरारे, औषधीय काढ़ा और अन्य प्राकृतिक उपायों से संक्रमण को ठीक करने की कोशिश की जाए।
एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से बचने के टिप्स
प्रभावी उपाय | विवरण |
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संक्रमण से बचाव | स्वच्छता और वैक्सीनेशन पर ध्यान दें। |
जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक से बचें | बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक का इस्तेमाल न करें। |
नेचुरल उपचार पर जोर | साधारण बीमारियों में प्राकृतिक उपचार आजमाएं। |
एंटीबायोटिक की जागरूकता | लोगों को एंटीबायोटिक के खतरों के बारे में जागरूक करें। |
खुद का ध्यान रखें और एंटीबायोटिक का सही इस्तेमाल करें
अगली बार जब आपको खांसी या हल्का बुखार हो, तो याद रखें कि हर बार एंटीबायोटिक लेना ही सही विकल्प नहीं होता। प्राकृतिक उपचारों और डॉक्टर की सलाह से सही इलाज पाएं, ताकि भविष्य में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से बचा जा सके।