क्या Aliens का पता लगाना असंभव है? दुनियाभर के वैज्ञानिक दशकों से इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगे हैं। पृथ्वी से बाहर किसी अन्य सभ्यता के संकेत मिलने की उम्मीद में SETI (सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरिस्ट्रियल इंटेलिजेंस) के तहत वैज्ञानिकों ने 1300 से ज्यादा आकाशगंगाओं की जांच की है, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे।
कैलिफोर्निया के SETI इंस्टिट्यूट के चेनोआ ट्रेम्बले और ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी के स्टीवन टिंगे के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने वेला तारामंडल (constellation of Vela) में 30 डिग्री फील्ड ऑफ व्यू पर ध्यान केंद्रित किया। यहां मौजूद 2,880 आकाशगंगाओं में से 1,317 का माप लिया गया।
हालांकि वैज्ञानिकों को कोई भी बाह्यग्रहीय संकेत (extraterrestrial signal) नहीं मिला। लेकिन इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि वे 100 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी पर 7 x 10^22 वॉट ट्रांसमीटर पावर से किसी संकेत को ढूंढ सकते हैं।
तकनीकी चुनौतियां और भविष्य की उम्मीद:
वैज्ञानिकों की इस खोज में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जिन स्थानों पर सर्च की जा रही है, वे इतने दूर हैं कि हमारे टेलिस्कोप कुछ ठोस रूप से कैप्चर नहीं कर पाते। इसलिए ब्रह्मांड में तैरते हुए सिग्नलों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है, जो किसी दूसरी आकाशगंगा से आ सकते हैं।
SETI, जो पिछले 64 सालों से एलियंस का पता लगाने में जुटा है, अब मिल्की वे से आगे बढ़कर दूसरी आकाशगंगाओं में एक्स्ट्राटेरिस्ट्रियल सिग्नल खोजने की कोशिश कर रहा है।
साल 2015 में NASA के WISE (वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे टेलीस्कोप) की मदद से ग्लिम्प्सिंग हीट फ्रॉम एलियन टेक्नोलॉजीज (G-HAT) प्रोजेक्ट के तहत 1 लाख आकाशगंगाओं का सर्वे किया गया था, लेकिन कोई बड़ी जानकारी नहीं मिल सकी।
क्या हमें और भी दूर तक देखना होगा?
पिछले साल, ताइवान की नेशनल चुंग ह्सिंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा था कि हमसे 3 अरब प्रकाश वर्ष के दायरे में एक से ज्यादा सभ्यता नहीं हो सकती। इसका मतलब यह है कि वैज्ञानिकों को और भी दूर ‘झांकना’ होगा और साथ ही फ्रीक्वेंसीज और ट्रांसमीटर पावर को भी बदलना होगा।
Aliens की तलाश जारी है, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। क्या हम कभी Aliens से संपर्क कर पाएंगे, या यह खोज हमेशा के लिए एक रहस्य बनी रहेगी?