मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचाने वाली 295 पन्नों की जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। इस रिपोर्ट ने इंडस्ट्री के उस काले सच को उजागर किया है, जहां एक्ट्रेसेस का शोषण धड़ल्ले से हो रहा है। न केवल यौन उत्पीड़न बल्कि कास्टिंग काउच जैसे गंभीर मुद्दों पर भी इस रिपोर्ट में बात की गई है।
हीरो की मर्जी से चलता है पूरा खेल, एक्ट्रेसेस की नहीं सुनी जाती आवाज!
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इंडस्ट्री में सब कुछ हीरो की मर्जी से होता है। कोई भी महिला या पुरुष इस ताकतवर ग्रुप के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता। इंडस्ट्री में एक्टर्स, डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स का एक बड़ा ग्रुप यह तय करता है कि किसे काम मिलेगा और किसे नहीं।
महिलाओं का शारीरिक शोषण, कास्टिंग काउच का शिकार और सदमे में जाती जिंदगी
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इंडस्ट्री में महिलाओं का शारीरिक शोषण किया जा रहा है, जिससे वे सदमे में चली जाती हैं। कास्टिंग काउच सिंड्रोम की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट ने इंडस्ट्री के उस गहरे घाव को दिखाया है, जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही थी।
नशे में धुत लोगों का महिलाओं के कमरों तक पहुंचना, पुलिस में शिकायत का डर
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है कि इस इंडस्ट्री में नशे में धुत लोग महिलाओं के कमरे तक पहुंच जाते हैं। जो महिलाएं इसका शिकार होती हैं, वे डर के मारे किसी को कुछ नहीं बतातीं और न ही पुलिस में शिकायत करती हैं।
यह रिपोर्ट मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के उस चेहरे को उजागर करती है, जो पर्दे के पीछे छिपा हुआ था। क्या अब इस इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए कोई सुरक्षित माहौल बन पाएगा, या फिर यह शोषण यूं ही चलता रहेगा?
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