बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट नासा के लिए अब एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर 5 जून को आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) के लिए रवाना हुआ यह स्पेसक्राफ्ट, आईएसएस पर पहुंचने के बाद से ही फंसा हुआ है। इसके कारण नासा के आगामी मिशनों में देरी हो रही है।
स्टारलाइनर की परेशानी
1. देरी का कारण:
स्टारलाइनर में हुई हीलियम लीक और थ्रस्टरों में दिक्कतें मिशन को मुश्किल बना रही हैं। इसके चलते नासा का क्रू-9 मिशन अब 18 अगस्त से 24 सितंबर तक के लिए आगे बढ़ गया है।
2. फंसे हुए अंतरिक्ष यात्री:
अगर रिपोर्ट्स की माने तो नासा अब स्टारलाइनर की रिटर्न फ्लाइट को कैंसल करने की सोच रही है। इसका मतलब है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पृथ्वी पर लौटने के लिए दूसरे स्पेसक्राफ्ट का इंतजार करना पड़ सकता है।
3. वैकल्पिक योजनाएं:
नासा के इंजीनियर अब स्टारलाइनर को बिना क्रू के धरती पर भेजने की योजना बना रहे हैं। संभव है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को साल 2025 की शुरुआत में स्पेसएक्स के वीकल से धरती पर लाया जाए।
स्टारलाइनर में क्या हुआ?
स्टारलाइनर ने 5 जून को आईएसएस के लिए उड़ान भरी और अगले दिन वहां पहुंच गया। इस दौरान स्टारलाइनर को 4 बार हीलियम लीक और थ्रस्टरों में समस्याओं का सामना करना पड़ा। समय के साथ यह समस्याएं बढ़ती गईं और अब स्टारलाइनर आईएसएस पर अटका हुआ है।
नासा की प्रतिक्रिया
नासा के इंजीनियर अब सोच रहे हैं कि स्टारलाइनर को बिना क्रू के वापस धरती पर भेजा जाए। अगर यह योजना फेल होती है तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अगले साल तक अंतरिक्ष में ही रहना पड़ सकता है।
नासा के मिशनों पर प्रभाव
जब तक स्टारलाइनर आईएसएस पर अटका रहेगा, नासा का क्रू-9 मिशन आगे नहीं बढ़ पाएगा। क्रू-9 मिशन तब तक आईएसएस पर नहीं जा सकता, जबतक वहां एक डॉकिंग पोर्ट नहीं खुलेगा।
बोइंग का स्टारलाइनर नासा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब देखना यह है कि नासा इस समस्या को कैसे हल करता है और सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सुरक्षित धरती पर वापस कैसे लाया जाएगा।
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