LignoSat लकड़ी का पहला सैटेलाइट! नासा और जाक्सा का नया प्रयोग बदल सकता है स्पेस टेक्नोलॉजी

अंतरिक्ष में नए-नए प्रयोग करते हुए नासा और जापान की स्पेस एजेंसी जाक्सा ने एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने दुनिया के पहले लकड़ी से बने सैटेलाइट, लिग्नोसैट (LignoSat), को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए भेजा है। यह सैटेलाइट पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर है, और इसका मकसद एक बड़ा वैज्ञानिक सवाल हल करना है: क्या मंगल और चंद्रमा जैसे ग्रहों पर लकड़ी का उपयोग संभव है?

LignoSat कॉफी मग जितना है

लिग्नोसैट का आकार तो कॉफी मग जितना छोटा है, लेकिन इसका काम बहुत बड़ा है। इसे मैगनोलिया लकड़ी से बनाया गया है, जो अंतरिक्ष की चरम स्थितियों को सहन करने के काबिल साबित हुई है। इससे पहले कई तरह की लकड़ियों को अंतरिक्ष में टेस्ट किया गया, लेकिन मैगनोलिया ने अपनी मजबूती और स्थायित्व से बाजी मार ली।

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6 महीने के लिए ऑर्बिट में रहेगा लिग्नोसैट

यह सैटेलाइट अगले 6 महीनों तक ऑर्बिट में रहेगा, जहां हर 45 मिनट में इसका सामना -100°C से 100°C तक के तापमान से होगा। यही नहीं, इसके जरिए यह भी जांचा जाएगा कि लकड़ी अंतरिक्ष के विकिरण को किस तरह से झेलती है। इसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण यह मापेंगे कि इस तापमान और विकिरण में लकड़ी का कैसा असर होता है।

स्पेस कबाड़ का समाधान हो सकता है लकड़ी का सैटेलाइट

LignoSat के इस प्रयोग का मकसद केवल लकड़ी की सहनशीलता का परीक्षण करना ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में बढ़ रहे कबाड़ का समाधान भी ढूंढ़ना है। पिछले 50 सालों में हज़ारों सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे गए हैं, जो अब कबाड़ बन चुके हैं और दूसरे सैटेलाइट्स के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। ऐसे में लकड़ी के सैटेलाइट्स एक पर्यावरण-मित्र समाधान साबित हो सकते हैं।

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