भारतीय खान-पान से होगा क्लाइमेट चेंज का समाधान!

Indian food will cause climate change : आपको जानकर गर्व होगा कि हमारी भारतीय खाने की आदतें न सिर्फ स्वादिष्ट हैं, बल्कि दुनिया को क्लाइमेट चेंज से बचाने में भी मदद कर सकती हैं! हाल ही में आई WWF की रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि G20 देशों में सबसे पर्यावरण-अनुकूल खानपान भारतीयों का ही है।

शाकाहारी भोजन से मिल रहा बड़ा फायदा

शाकाहारी भोजन को लेकर देश में तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। हमारे पारंपरिक भोजन में दालें, अनाज और सब्जियों का प्रमुख स्थान है, जो न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन हैं, बल्कि पर्यावरण को भी बचाते हैं। इसके उलट, मांसाहारी खाने से ज्यादा संसाधनों की खपत होती है और कार्बन उत्सर्जन भी ज्यादा होता है।

बाजरा: सुपरफूड जो बचाएगा पर्यावरण

भारत में बाजरा जैसी पौष्टिक फसलों पर जोर दिया जा रहा है। इसे उगाने के लिए कम पानी और संसाधनों की जरूरत होती है। कम संसाधन और कम उत्सर्जन के साथ यह न सिर्फ आपके पेट को खुश रखता है, बल्कि पृथ्वी को भी बचाने में अहम भूमिका निभाता है।

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टिकाऊ खाने का बढ़ता ट्रेंड

भारत में 79% लोग खाने-पीने की चीजें खरीदते समय यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे पर्यावरण के अनुकूल हों। हमारी पारंपरिक खाने की आदतें लोकल प्रोडक्शन और मौसमी फसलों पर आधारित होती हैं, जिससे पर्यावरण पर कम दबाव पड़ता है।

लोकल फूड मूवमेंट: बाजरे का बढ़ता क्रेज

हाल के वर्षों में, लोकल फूड को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की गई हैं। बाजरा को लेकर देश में चल रहा अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण है। यह न सिर्फ हमारी थाली में पौष्टिकता ला रहा है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी मदद कर रहा है।

तो अगली बार जब आप अपनी प्लेट भरें, तो समझिए कि आप न सिर्फ अपनी भूख शांत कर रहे हैं, बल्कि पृथ्वी को भी थोड़ा और सांस लेने का मौका दे रहे हैं!

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