वैज्ञानिकों ने हाल ही में 23.3 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अवशेष खोजे हैं, जो अब तक के सबसे पुराने डायनासोर के रूप में माने जा रहे हैं। यह अवशेष ब्राजील के दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल के एक टाउन साओ जोआओ डो पोलेसीन के पास पाया गया है। बेहद खास बात यह है कि इतने पुराने होने के बावजूद यह जीवाश्म लगभग पूरी तरह से संरक्षित मिला है। यह अविश्वसनीय खोज वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो डायनासोरों के जीवन और उनके समय के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान कर सकती है।
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यह प्राचीन डायनासोर हेरेरासॉरिडे फैमिली का हिस्सा है, जो कि ट्राइसिक पीरियड में पृथ्वी पर मौजूद था। यह वह समय था जब पूरी धरती पर सिर्फ एक ही महाद्वीप, पैंजिया, हुआ करता था। 8 फीट लंबा यह डायनासोर शुरुआती मासांहारी डायनासोरों में से एक था, जो अपने समय के सबसे भयानक शिकारी के रूप में जाना जाता है।
खोज कैसे हुई?
इस डायनासोर के अवशेष उस स्थान पर पाए गए हैं, जहां फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ सांता मारिया (UFSM) के जीवाश्म विज्ञानी रोड्रिगो टेम्प और उनकी टीम 20 वर्षों से रिसर्च कर रही थी। हाल ही में इलाके में भारी बारिश के कारण मिट्टी का कटान हुआ, जिससे यह जीवाश्म सामने आ गया। पहले वैज्ञानिकों को कुछ हड्डियां मिलने का अनुमान था, लेकिन खुदाई करते-करते पूरा डायनासोर जीवाश्म सामने आ गया, जिसने सभी को चौंका दिया।
क्यों है यह खोज महत्वपूर्ण?
इस जीवाश्म की खोज इसलिए भी खास है क्योंकि यह अब तक का सबसे पुराना डायनासोर अवशेष है। इससे पहले सबसे पुराना जीवाश्म 23.1 करोड़ साल पुराना था। अब वैज्ञानिक इस डायनासोर को स्टडी करेंगे, जिससे हमें शुरुआती डायनासोरों के जीवन और उनकी आदतों के बारे में अधिक जानकारी मिल सकेगी।
विशेषता | विवरण |
---|---|
उम्र | 23.3 करोड़ साल |
लंबाई | 8 फीट |
फैमिली | हेरेरासॉरिडे |
स्थान | साओ जोआओ डो पोलेसीन, रियो ग्रांडे डो सुल, ब्राजील |
खोजकर्ता | फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ सांता मारिया (UFSM) |
क्या इस खोज से डायनासोरों के रहस्यों से पर्दा उठेगा?
यह खोज इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे शुरुआती डायनासोरों के जीवन पर और अधिक प्रकाश डाला जा सकेगा। डायनासोरों का अस्तित्व और उनकी विलुप्ति आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य है। ऐसा माना जाता है कि करोड़ों साल पहले एक विशाल एस्टरॉयड के टकराने से डायनासोरों का विनाश हुआ था। इस नई खोज से हमें उनके अस्तित्व के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है, जिससे विज्ञान की दुनिया में नए दरवाजे खुल सकते हैं।
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