पीसीओडी का घरेलू उपचार

PCOD -पीसीओडी का घरेलू उपचार जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि पीसीओडी क्या है आजकल  हर 30% औरतों को पीसीओडी की समस्या है जिसका मतलब होता है पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज, पीसीओडी में महिलाओं के यूट्रस में मेल हार्मोन जिसका नाम एंड्रोजन होता है वह बढ़ जाता है जिसकी वजह से ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं.

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पीसीओडी की समस्या जेनेटिकली भी हो सकती है पर इसकी मुख्य वजह हारमोनियम बैलेंस खराब जीवनशैली स्ट्रेस और मोटापा माना जाता है पहले यह बीमारी 30 से 35 साल से ज्यादा की उम्र में पाई जाती थी लेकिन अब 17 से 18 साल की लड़कियां भी इस बीमारी से ग्रस्त होती जा रही है.

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पीसीओडी के लक्षण

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  • थकान थकान सा महसूस करना
  • बालों का झड़ना
  • चेहरे पर मुंहासे होना
  • चेहरे पर बाल होना
  • चिड़चिड़ापन और दर्द होना
  • पीरियड समय पर ना आना
  • पीरियड के समय पेट में दर्द होना
  • तेजी से वजन बढ़ाना
  • अनियमित पीरियड
  • बहुत अधिक मात्रा में पीरियड के समय ब्लीडिंग होना
  • स्किन का कलर डार्क हो जाना
  • मेल पेटर्न बाल्डनेस होना
  •  इनफर्टिलिटी

पीसीओडी का घरेलू उपचार

1-अश्वगंधा

अश्वगंधा स्ट्रेस को कंट्रोल करती है अश्वगंधा को भारतीय जिंसेंग भी कहा जाता है यह स्ट्रेस के हार्मोन को लेवल में लाता है और तनाव को दूर करता है दरअसल तनाव के कारण पीसीओडी के लक्षण और ज्यादा खराब हो जाते हैं इसलिए स्ट्रेस को मैनेज करना काफी जरूरी है.

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2-मुलेठी

मुलेठी के पाउडर का काढ़ा बनाकर चाय की तरह से पीने से  पीसीओडी कंट्रोल में रहता है मुलेठी के पौधे की जड़ में  कई प्रकार के योगिक पाए जाते हैं जिनकी यूनीक प्रॉपर्टीज होती है यह  एंटी इन्फ्लेमेटरी होती हैयह शुगर को  डाइजेस्ट करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है.

3- कॉड लिवर ऑयल

कॉड लिवर ऑयल के अंदर विटामिन ए और बी होते हैं इसी के साथ इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी अधिक मात्रा में पाया जाता है एसिड पीरियड्स को नियमित करने और मोटापे को कम करने में मदद करते हैं,पीसीओडी की समस्या वजन बढ़ने से और अधिक हो जाती है ऐसे में वजन को नियंत्रित करना बहुत जरूरी होता है जोकि कॉड लिवर ऑयल बखूबी करता है.

4-प्रोबायोटिक्स

प्रोबायोटिक्स के सेवन से पाचन तंत्र और आंत हैं स्वस्थ रहते हैं यह पीसीओडी के इलाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इनसे सूजन कम हो जाती है और एंड्रोजन और एस्ट्रोजन जैसे सेक्स हार्मोन भी नियंत्रित हो जाते हैं प्रोबायोटिक्स के रूप में दही को अपनी डाइट में ले सकते हैं.

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5-हल्दी

हल्दी के अंदर एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं यह बहुत एक्टिव होता है हल्दी के अंदर करक्यूमिन नाम का तत्व भी पाया जाता है हल्दी इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करने और anti-inflammatory एजेंट के रूप में काम करता है हल्दी के इस्तेमाल से पीरियड समय पर आने लगते हैं यह मुहांसों के लिए भी कारगर होता है.

6-दालचीनी

दालचीनी पीसीओडी के घरेलू उपचार मैं बहुत असरदार होती है दालचीनी के अंदर में इन्सुलिन रेजिस्टेंस होता है दालचीनी में  एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो स्ट्रेस को कम करता है दालचीनी के इस्तेमाल से मधुमेह रोग का खतरा कम हो जाता है मधुमेह पीसीओडी के लिए बहुत खतरनाक होता है.

करेला

करेला मधुमेह रोग के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है करेले को आप सब्जी के रूप में खा सकते हैं इसका जूस पी सकते हैं इससे आपका मधुमेह नियंत्रित रहेगा और पीसीओडी की प्रॉब्लम में राहत मिलेगी.

आंवला

आंवले के अंदर विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता के रूप में जानी जाती है इसलिए आंवले के सेवन से पीसीओडी की प्रॉब्लम में आराम मिलता है .

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नींबू

पानी में नींबू और शहद का एक बड़ा चम्मच मिलाकर पीने से आपका मीठा खाने का मन भी पूरा हो जाएगा और वजन भी नियंत्रण में रहेगा नींबू में भी विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है और शहद में भी एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.

मेथी के पत्ते और तुलसी

मेथी के पत्ते और तुलसी के सेवन से इंसुलिन का स्तर मेंटेन रहता है पीसीओडी के रोगियों में इंसुलिन का मेंटेन रहना बहुत ही आवश्यक होता है ताकि रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने पाए इसलिए आपको इसका सेवन करना चाहिए.

पीसीओडी में प्रेगनेंसी

जब कोई महिला पीसीओडी से पीड़ित होती है तो उसके शरीर में एस्ट्रोजन पर लेवल कम और पुरुषों वाले हार्मोन एंड्रोजन का लेवल ज्यादा बढ़ जाता है जहां एक तरफ एस्ट्रोजन पुरुष के सेक्स और चीन के विकास में खास रोल अदा करता है वहीं दूसरी तरफ महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन में बदल जाता है किसी कोटि की समस्या से प्रसिद्ध महिलाएं भी गर्भधारण कर सकती हैं,हार्मोन को संतुलित करने के लिए इलाज की आवश्यकता होती है.

पीसीओडी से ग्रसित महिला में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) हार्मोन का लेवल कम हो जाता है इसी हार्मोन की वजह से ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है परंतु इस हार्मोन की कमी की वजह से यह प्रक्रिया नहीं हो पाती है.

महिलाओं को गर्भधारण करने में शायद थोड़ा समय लग जाए लेकिन महिला प्रेग्नेंट हो सकती है और मां बन सकती है पीसीओडी के इलाज करने से यह बीमारी काफी हद तक दूर हो जाती है और रिकवरी होने पर गर्भधारण करने में कोई समस्या नहीं होती है.

FAQ:

पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं?

मुलेठी के पाउडर का काढ़ा बनाकर चाय की तरह से पीने से  पीसीओडी कंट्रोल में रहता है मुलेठी के पौधे की जड़ में  कई प्रकार के योगिक पाए जाते हैं जिनकी यूनीक प्रॉपर्टीज होती है यह  एंटी इन्फ्लेमेटरी होती हैयह शुगर को  डाइजेस्ट करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है.

क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

जी हां पीसीओडी से ग्रसित महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती है परंतु उन्हें सामान्य महिलाओं से अधिक समय लग सकता है बेहतर इलाज और अच्छे खान-पान से पीसीओडी को कंट्रोल किया जाता है जिसके बाद महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती है.

पीसीओडी में पीरियड्स क्यों नहीं आते?

पीसीओडी की समस्या के दौरान महिलाओं में पुरुषों में पाया जाने वाला हार्मोन एंड्रोजन की मात्रा महिलाओं में बढ़ जाती है जिसके कारण पीरियड असंतुलित हो जाते हैं.

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